दिल्ली के रोहिणी इलाके में गुरुवार सुबह हुई मुठभेड़ में मारे गए बिहार के गैंगस्टर रंजन पाठक के बारे में उसके गांव वालों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। रंजन पाठक के साथ तीन अन्य साथी भी एनकाउंटर में मारे गए थे। वह बिहार के सीतामढ़ी जिले के सुरसंड प्रखंड के मलाही गांव का रहने वाला था।
जब दोपहर मलाही गांव में स्थानीय लोगों से बात की गई तो पता चला कि रंजन के पिता मनोज कुमार पाठक पिछले दो महीने से जेल में हैं, जबकि उसकी मां अनीता देवी दो टर्म से गांव की सरपंच हैं। हालांकि एनकाउंटर की खबर के बाद से रंजन के घर पर कोई मौजूद नहीं था।
गांव वालों ने क्या कहा
स्थानीय निवासी अजीत कुमार सिंह ने बताया कि रंजन पहले एक अच्छा लड़का था, उसका कोई पुराना आपराधिक इतिहास नहीं था। लेकिन बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद गांव में अवैध शराब की तस्करी शुरू हुई। इसी कारोबार में रंजन भी शामिल हो गया। धीरे-धीरे गांव के युवाओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई छिड़ गई और बाहरी अपराधियों से संबंध बन गए।
अजीत ने कहा, “सब दारू के चक्कर में हुआ। गार्जियन कितना भी समझाए, ये लोग नहीं माने और अब मारे गए।”
पिता जेल में, मां सरपंच
एक अन्य ग्रामीण विमल मुखिया ने बताया कि रंजन के पिता उसी के कारण दो माह से जेल में हैं, क्योंकि वह रंजन के साथ चोरी-डकैती के मामले में फंसे थे। रंजन की मां अनीता देवी 10 साल से सरपंच हैं। उसका एक भाई दिल्ली में रहता है, जबकि दोनों बहनों की शादी हो चुकी है।
गांव में लोग रंजन की मौत को लेकर दुखी हैं, पर कईयों का कहना है कि उसने गलत रास्ता चुना, जिसका अंजाम उसे भुगतना पड़ा।