जमैका इस समय इतिहास के सबसे विनाशकारी तूफान ‘मेलिसा’ की चपेट में है। यह चक्रवात कैरिबियाई क्षेत्र में तबाही मचा रहा है, जिसने सिर्फ 24 घंटों में एक सामान्य तूफान से बढ़कर श्रेणी-5 (कैटेगरी-5) का रूप ले लिया।
170 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं ने द्वीप के बड़े हिस्से को तहस-नहस कर दिया है। सिन्हुआ न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, अब तक 7 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
⚡ तबाही का मंजर
तूफान के टकराते ही 77% इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई, जबकि 25,000 से अधिक लोगों को शेल्टर होम्स में शरण लेनी पड़ी। कई घर ढह गए, सड़कें टूट गईं और दक्षिण-पश्चिम व उत्तर-पश्चिम हिस्से में भारी नुकसान दर्ज किया गया।
🌊 क्यों बढ़ी मेलिसा की रफ्तार?
वैज्ञानिकों के अनुसार, मेलिसा की तीव्रता बढ़ने की वजह समुद्र की सतह का अत्यधिक तापमान, वातावरण में नमी की अधिकता, और हवा की दिशा में ऊंचाई के साथ बदलाव रही। यही परिस्थितियां 2023 के ‘ओटिस’ और 2021 के ‘राय’ तूफान के दौरान भी देखी गई थीं।
🌡️ जलवायु परिवर्तन की गूंज
विशेषज्ञों का मानना है कि मानवजनित जलवायु परिवर्तन ऐसे चक्रवातों की तीव्रता और आवृत्ति बढ़ा रहा है। जमैका के आसपास समुद्र की सतह का तापमान इस समय औसत से 1 डिग्री अधिक है। शोध बताते हैं कि ऐसी परिस्थितियां अब 500–800 गुना अधिक संभावित हो चुकी हैं।
📉 तूफान की अगली दिशा
‘मेलिसा’ अब कुछ कमजोर होकर क्यूबा को पार कर बरमूडा की ओर बढ़ रहा है, लेकिन मौसम विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इसके प्रभाव से तटीय बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बना रहेगा।