मुंबई में 17 बच्चों समेत 19 लोगों को बंधक बनाए जाने की घटना ने पूरे देश को हिला दिया है। इस खौफनाक वारदात की एक चश्मदीद और पीड़िता — कोल्हापुर की बुज़ुर्ग महिला मंगल पाटनकर — ने पूरी कहानी बयां की है।
मंगल पाटनकर अपनी पोती के साथ ऑडिशन के लिए कोल्हापुर से मुंबई आई थीं। उन्होंने बताया कि आरोपी रोहित आर्या ने शूटिंग के बहाने सभी को कमरे में बुलाया। शुरुआत में वह बेहद सहज व्यवहार कर रहा था और बच्चों को खाना-पीना भी दे रहा था।
बुधवार को उसने अचानक सभी बच्चों को एक कमरे में जाने को कहा और अभिभावकों को बाहर रोक दिया। इसके बाद उसने गेट पर ताला लगा दिया और कुछ बच्चों को स्टूडियो के पहले माले पर ले गया। तभी सबको शक हुआ कि कुछ गड़बड़ है।
मंगल पाटनकर ने बताया कि वे लोग स्कूल की ओर से आए थे और उन्हें भरोसा था कि यह एक असली ऑडिशन है। लेकिन जल्द ही यह भरोसा एक डरावने हादसे में बदल गया।
इस पूरी घटना के बाद मंगल पाटनकर को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं, पुलिस ने आरोपी रोहित आर्या को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है।