चीन के तियानजिन में हो रहे एससीओ समिट के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तस्वीरें सामने आने के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भड़क गए।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर पोस्ट करते हुए लिखा:
"ऐसा लग रहा है कि हमने भारत और रूस को सबसे गहरे और अंधकारमय चीन के हाथों खो दिया है। उनका भविष्य लंबा और समृद्ध हो।"
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने इस तरह की नाराज़गी जाहिर की हो। 3 सितंबर को भी उन्होंने ट्रूथ पर लिखा था कि अमेरिका ने चीन को आज़ादी दिलाने के लिए भारी बलिदान दिए थे, लेकिन अब वही चीन अमेरिका के खिलाफ रूस और उत्तर कोरिया के साथ षड्यंत्र रच रहा है।
अमेरिका में भी उठे सवाल
ट्रंप के भारत पर टैरिफ लगाने के फैसले पर अमेरिकी एक्सपर्ट्स और नेताओं ने भी चेताया था।
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निक्की हेली (पूर्व गवर्नर, साउथ कैरोलाइना और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत) ने ट्रंप की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा था कि अमेरिका-भारत रिश्ते बेहद नाजुक दौर में पहुंच गए हैं। उन्होंने याद दिलाया कि 1982 में राष्ट्रपति रीगन और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दोस्ती पर ज़ोर दिया था, लेकिन आज रिश्ते मुश्किल मोड़ पर हैं।
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जेक सुलिवन, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, ने भी ट्रंप पर आरोप लगाया था कि उन्होंने निजी कारोबारी हितों के लिए भारत-अमेरिका संबंधों को नुकसान पहुंचाया। सुलिवन के मुताबिक, भारत के साथ गठबंधन अमेरिका की रणनीतिक ज़रूरत है ताकि चीन की चुनौती का सामना किया जा सके।
ट्रंप का अड़ियल रुख
हालांकि अमेरिकी कोर्ट ने ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को असंवैधानिक करार दिया था, फिर भी ट्रंप अपने फैसले पर अड़े रहे। उनका कहना था कि चीन, भारत और ब्राजील अमेरिका को टैरिफ से "मार" रहे हैं। अब जब भारत-रूस-चीन की नज़दीकी बढ़ रही है, तो ट्रंप इसे अपनी सबसे बड़ी कूटनीतिक हार मान रहे हैं।
साफ है कि एससीओ समिट की तस्वीरों ने अमेरिका के सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है और ट्रंप इस पर अपनी बेचैनी बार-बार सार्वजनिक कर रहे हैं।