देशभर में कार्बाइड गन, जिसे 'देसी पटाखा गन' या 'जुगाड़ी बम' भी कहा जा रहा है, बच्चों के लिए सुपर खतरनाक खिलौना साबित हो रहा है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में इसके कारण बच्चों की आंखों में गंभीर चोटें आई हैं। मध्य प्रदेश में स्थिति भयावह: सिर्फ तीन दिनों में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर सहित 122 से अधिक बच्चे गंभीर आंख की चोटों के साथ अस्पताल पहुंचे। विदिशा जिले में खुलेआम बिक रही कार्बाइड गन ने 14 बच्चों की आंखों की रोशनी छीन ली। भोपाल के हमीदिया अस्पताल में अकेले 26 से अधिक केस दर्ज किए गए। 17 वर्षीय नेहा ने बताया कि जुगाड़ की कार्बाइड गन फटने से उनकी एक आंख पूरी तरह झुलस गई। राज विश्वकर्मा ने कहा, “मैंने सोशल मीडिया देखकर देसी पटाखा गन बनाई थी, तभी धमाका हुआ… मेरी आंख चली गई।” अन्य राज्यों में भी खतरा: उत्तर प्रदेश (जालौन): एक नाबालिग की आंख में गंभीर चोट, इलाज चल रहा। बिहार (पटना): कार्बाइड गन के बढ़ते उपयोग से 50 से अधिक लोगों की आंखों की रोशनी प्रभावित हो चुकी है। विशेषज्ञ और अधिकारियों की चेतावनी: यह अवैध और खतरनाक जुगाड़ बच्चों के लिए घातक है। अधिकारियों ने माता-पिता और शिक्षकों से अपील की है कि बच्चों को इस तरह के पटाखों और जुगाड़ों से दूर रखें, ताकि गंभीर दुर्घटनाओं से बचा जा सके। यह स्पष्ट है कि कार्बाइड गन अब खेल-खिलौने नहीं, बल्कि गंभीर सुरक्षा खतरा बन चुकी है।