ब्रिटेन के शेफील्ड में एक 15 वर्षीय छात्र मोहम्मद उमर खान को स्कूल परिसर में साथी छात्र हार्वे विलगूज की हत्या करने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अदालत ने आदेश दिया कि उमर खान को पैरोल पर विचार करने से पहले कम से कम 16 साल जेल में रहना होगा।
घटना की पृष्ठभूमि:
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हत्या की घटना 3 फरवरी की दोपहर हुई, जब ऑल सेंट्स कैथोलिक हाई स्कूल में पुलिस को बुलाया गया।
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अदालत को बताया गया कि घटना से एक सप्ताह पहले ही दोनों छात्रों के बीच स्कूल में झगड़ा हुआ था।
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जांच में सामने आया कि उमर खान को यह गलत विश्वास था कि चाकू ले जाने से वह सुरक्षित रहेगा या उसे दर्जा मिलेगा।
अदालत और पुलिस का विवरण:
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जज नाओमी एलेनबोजेन ने कहा कि उमर खान को हथियारों में लंबे समय से रुचि थी।
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यॉर्कशायर पुलिस के डीसीआई एंडी नोल्स ने कहा कि खान ने खुद को सुरक्षित रखने के लिए चाकू रखा था।
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अदालत में उमर खान ने यह स्वीकार किया कि उसने स्कूल में ब्लेड रखी थी, लेकिन हत्या से पहले खुद को बचाने का दावा किया।
परिवार की प्रतिक्रिया:
जज ने कहा, "हार्वे का परिवार उस दिन की घटनाओं के सीसीटीवी फुटेज से परेशान है और अपने जीवन में उस आघात से थक गया है, जिसमें उसकी अनुपस्थिति हर दिन महसूस होती है।"
उमर खान की पहचान अब सार्वजनिक कर दी गई है, क्योंकि जस्टिस ने उम्र से जुड़े पहचान बैन को हटा दिया है।