वैशाली, बिहार | 11 अक्टूबर 2025 — बिहार की राजनीति में चर्चाओं का केंद्र बने राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में सियासी हलचल तेज हो गई है। गंगा के बीच बसे वैशाली जिले का यह इलाका, जिसे लंबे समय से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का गढ़ माना जाता है, अब जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर (PK) की संभावित एंट्री के कारण चर्चा में है। इस सीट से फिलहाल नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विधायक हैं। अगर प्रशांत किशोर यहां से चुनाव लड़ते हैं, तो मुकाबला सीधा तेजस्वी यादव बनाम प्रशांत किशोर का होगा, जिससे यह सीट बिहार की सबसे हाई-प्रोफाइल सीट बन गई है। शनिवार को प्रशांत किशोर ने राघोपुर का दौरा किया, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया। स्थानीय लोगों ने उन्हें लड्डुओं से तौला और जन सुराज ज़िंदाबाद के नारे लगाए। बड़ी संख्या में महिलाएं, युवा और बुजुर्ग पीके से मिलने पहुंचे। राघोपुर में जनता को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “यह वही इलाका है, जहां से जीतकर तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने थे। लेकिन इतने वर्षों में यहां विकास का कोई निशान नहीं है। सड़कों की हालत खराब है, स्कूल नहीं बने, और स्वास्थ्य सुविधाएं भी नहीं हैं। तेजस्वी यादव को डरना चाहिए क्योंकि जनता अब बदलाव चाहती है।” पीके ने यह भी कहा कि पार्टी तय करेगी कि वह राघोपुर से चुनाव लड़ेंगे या नहीं, लेकिन मौजूदा हालात में सभी दल जन सुराज के बढ़ते प्रभाव से डर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि तेजस्वी यादव इस बार दो सीटों से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। “अगर मैं बाहरी हूं तो तेजस्वी भी बाहरी हैं,” प्रशांत किशोर ने पलटवार करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव गोपालगंज के हैं और राघोपुर से चुनाव लड़ते हैं, इसलिए जनता को अब यह तय करना होगा कि उसे विकास चाहिए या परिवारवाद। राघोपुर की जनता के बीच जन सुराज की यह सक्रियता पार्टी की बड़ी रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है। जन सुराज कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह अभियान “तेजस्वी यादव के घर में सेंध लगाने” की शुरुआत है। गौरतलब है कि राघोपुर विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास काफी पुराना और प्रतिष्ठित रहा है। लालू प्रसाद यादव ने 1995 और 2000 में यहां से जीत दर्ज की थी, जबकि राबड़ी देवी ने 2005 के दोनों विधानसभा चुनावों में विजय हासिल की थी। 2010 में जेडीयू उम्मीदवार सतीश कुमार ने इस परंपरा को तोड़ा था, लेकिन 2015 और 2020 में तेजस्वी यादव ने लगातार दो बार जीत दर्ज कर सीट को फिर से आरजेडी के कब्जे में कर लिया। गंगा के बीच बसे इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या हर साल आने वाली बाढ़ और पिछड़ापन है। यहां के लोग अब तक सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। प्रशांत किशोर ने अपने दौरे में इन मुद्दों को उठाते हुए कहा कि राघोपुर वर्षों से डिप्टी सीएम का क्षेत्र होने के बावजूद विकास से अछूता है। बिहार की इस वीवीआईपी सीट पर अब सियासी मुकाबला दिलचस्प मोड़ ले चुका है। एक ओर हैं तेजस्वी यादव, जो अपने गढ़ में हैट्रिक लगाने की कोशिश में हैं, तो दूसरी ओर प्रशांत किशोर, जो “बदलाव की राजनीति” के नाम पर लालू परिवार के किले को चुनौती देने मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, राघोपुर की यह जंग 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव की सबसे बड़ी और सबसे चर्चित टक्कर मानी जा रही है।