हरियाणा के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) वाई. पूरन कुमार ने मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास पर कथित तौर पर खुद को गोली मार ली। उनके आवास से 9 पन्नों का सुसाइड नोट और वसीयत बरामद हुई है। सुसाइड नोट में उन्होंने अपने साथ हुई घटनाओं और कई वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किए गए मानसिक प्रताड़ना और करियर बर्बाद करने की साजिश का जिक्र किया है।
सूत्रों के अनुसार, सुसाइड नोट में डीजीपी, एडीजीपी और एसपी रैंक के 10 अधिकारियों के नाम हैं, जिनमें कुछ पूर्व और वर्तमान डीजीपी स्तर के अधिकारी शामिल बताए जा रहे हैं। फिलहाल पुलिस ने इन नामों का खुलासा नहीं किया है। मामले को रोहतक के भ्रष्टाचार केस से जोड़ा जा रहा है, जिसकी जांच खुद वाई. पूरन कुमार ने शुरू करवाई थी।
सुसाइड नोट में यह भी बताया गया कि उनके स्टाफ में तैनात ASI सुशील कुमार ने शराब कारोबारी से रिश्वत लेने की कोशिश की थी, जिसे पूरन कुमार ने रोकने की कोशिश की थी।
चंडीगढ़ पुलिस ने बताया कि सीएफएसएल टीम मौके पर पहुंची और सबूत जुटाए। एसएसपी कंवरदीप कौर ने पुष्टि की कि जांच अभी भी जारी है। मृतक की पत्नी अमनीत कुमार, जो विदेश सहयोग विभाग में आयुक्त एवं सचिव हैं, उस समय जापान दौरे पर थीं और आज भारत लौटेंगी।
जानकारी के अनुसार, पिछले महीने पूरन कुमार को रोहतक की सुनारिया जेल में ट्रांसफर किया गया था। अधिकारी का जन्म 19 मई 1973 को हुआ था और वे 31 मई 2033 को सेवानिवृत्त होने वाले थे। उनके सुसाइड ने हरियाणा पुलिस में चिंता और गंभीर चर्चा पैदा कर दी है।