बरेली: बरेली में शुक्रवार को हुए बवाल की शुरुआती जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) के पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम खां ने 55 लोगों को व्हाट्सएप कॉल कर करीब 1600 उपद्रवी शहर में जुटाए थे। उनका मकसद मौलाना तौकीर के ज्ञापन देने के बहाने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठकर शक्ति प्रदर्शन करना था।
जांच में सामने आया कि नदीम ने फोन कॉल के जरिए समर्थकों को आईएमसी के प्रभाव वाले स्थानों पर जुटाने के निर्देश दिए। यह भी पता चला कि उन्होंने पुलिस और जनता को गुमराह करने के लिए फर्जी पत्र पोस्ट किया।
बवाल के दौरान खलील हायर सेकेंडरी स्कूल तिराहे और श्यामगंज में माहौल बिगड़ गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके और बैरिकेड तोड़े, जबकि पुलिस ने लाठीचार्ज किया। घटना में 22 पुलिसकर्मी घायल हुए।
पुलिस ने मौलाना तौकीर खां समेत आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा। तौकीर को फर्रुखाबाद जेल और अन्य आरोपियों को बरेली सेंट्रल जेल-2 में रखा गया। बवाल में शामिल तीन हजार अज्ञात आरोपियों की पहचान वीडियो फुटेज के माध्यम से की जा रही है।
जांच में यह भी पता चला कि मौलाना या आईएमसी ने इस्लामिया मैदान में सभा के लिए स्कूल प्रबंधन से अनुमति नहीं ली थी। अधिकारियों ने बताया कि मौके से पत्थर, जूते-चप्पल, तमंचा, कारतूस, ब्लेड और पेट्रोल से भरी बोतलें बरामद हुई हैं।
पुलिस ने पांच थानों में दस एफआईआर दर्ज की हैं और 39 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। डीआईजी अजय साहनी ने बताया कि तफ्तीश के लिए एसआईटी का गठन किया गया है, और भविष्य में आरोपीयों पर रासुका लगाने पर भी विचार किया जा सकता है।
एसएसपी अनुराग आर्य ने कहा कि नदीम और उसके साथियों ने बरेली में हिंसा फैलाने की साजिश रची थी, और उनके कॉल डिटेल से साजिश के और पहलू सामने आएंगे।