रिगा (लातविया) — अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के संयुक्त अभियान ऑपरेशन SIMCARTEL में लातविया में एक बड़े साइबर ठगों के नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ। कार्रवाई के दौरान पाँच आरोपियों को हिरासत में लिया गया और लगभग 40,000 सक्रिय सिम कार्ड, 1,200 सिम-बॉक्स डिवाइसेस, पाँच सर्वर और चार लग्जरी गाड़ियाँ जब्त की गईं। साथ ही करीब 4.3 लाख यूरो बैंक में जमा रकम और 3.3 लाख अमेरिकी डॉलर के क्रिप्टो परिसंपत्तियाँ फ्रीज़ की गईं।
जांच में सामने आया है कि इस गिरोह ने लगभग 5 करोड़ (50 लाख) फर्जी ऑनलाइन अकाउंट्स बनाए हुए थे जिनके जरिए व्यापक पैमाने पर धोखाधड़ी और साइबर अपराध किए जा रहे थे। ऑस्ट्रिया, एस्टोनिया और लातविया की प्रवर्तन संस्थाओं के सहयोग से चलायी गई छानबीन में यह नेटवर्क यूरोप के हजारों लोगों को निशाना बना रहा था। केवल ऑस्ट्रिया में अनुमानित हानि करीब 4.5 मिलियन यूरो (लगभग ₹40 करोड़) दर्ज की गई है, वहीं लातविया में लगभग 4.2 लाख यूरो (लगभग ₹3.7 करोड़) का नुकसान हुआ बताया जा रहा है। अब तक ऑस्ट्रिया में लगभग 1,700 और लातविया में 1,500 से अधिक संबंधित साइबर फ्रॉड मामलों की पहचान हुई है।
जांचकर्ताओं के अनुसार यह गिरोह एक उन्नत ऑनलाइन सर्विस चला रहा था जो 80 से अधिक देशों के नाम पर पंजीकृत फोन नंबर किराये पर देता था। ये नंबर अपराधियों को सोशल मीडिया, नकली वेबसाइटों और बैंकिंग प्लेटफॉर्म्स पर जाली प्रोफाइल और अकाउंट बनाने में मदद देते थे, जिससे उनकी पहचान और लोकेशन छिपी रहती थी और वे धोखाधड़ी, हैकिंग व अन्य अपराध अंजाम देते थे।
अधिकारियों ने बताया कि अभियान के दौरान मिली सामग्री से स्पष्ट संकेत मिले हैं कि गिरोह के खिलाफ और आगे की जांच व गिरफ्तारीयाँ आवश्यक हैं। इस बीच, भारतीय लिंक की भी जांच जारी है और इंटरपोल तथा संबंधित राष्ट्रीय एजेंसियाँ इस दिशा में सहयोग कर रही हैं। कार्रवाई के बाद गिरफ्तार आरोपियों और जब्त की गई वस्तुओं की विस्तृत जानकारियाँ जारी की जाएँगी और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से पूरे नेटवर्क को उजागर करने की कोशिश जारी है।