तेहरान, 17 सितंबर — ईरान ने बुधवार को घोषणा की कि उसने बाबाक शाहबाजी नामक व्यक्ति को फांसी दे दी है। उस पर आरोप था कि उसने ईरान के डेटा सेंटर्स और सुरक्षा प्रतिष्ठानों की संवेदनशील जानकारी इजरायल को बेची। ईरान की सरकारी एजेंसी मिजान ने यह जानकारी दी।
हालांकि, ईरानी एक्टिविस्ट्स का कहना है कि शाहबाजी को हिरासत में दौरान यातनाएं दी गईं और उनसे झूठा कबूलनामा करवाया गया। उनका दावा है कि शाहबाजी को असल में तब गिरफ्तार किया गया था जब उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को रूस के खिलाफ मदद की पेशकश करते हुए चिट्ठी लिखी थी।
मानवाधिकार समूहों का आरोप है कि ईरानी अदालत ने इजरायल से जासूसी का झूठा संबंध जोड़ने के लिए इसी चिट्ठी और मामूली तकनीकी प्रशिक्षण का हवाला दिया। ईरान ने यह स्पष्ट नहीं किया कि फांसी किस तरीके से दी गई।
इजरायल के साथ हालिया युद्ध के बाद से ईरान अब तक आठ लोगों को जासूसी के आरोप में फांसी दे चुका है। एक्टिविस्ट्स को आशंका है कि सरकार फांसी की सज़ाओं का सिलसिला और तेज कर सकती है।