अंडमान-निकोबार, 17 सितंबर — प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने केंद्र शासित प्रदेश में पहली बार बड़ी कार्रवाई करते हुए 500 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले का पर्दाफाश किया है। इस मामले में अंडमान-निकोबार के पूर्व सांसद और स्टेट कोऑपरेटिव बैंक (ANSCBL) के पूर्व चेयरमैन कुलदीप राय शर्मा, बैंक के पूर्व एमडी के. मुरुगन और लोन ऑफिसर के. कलैवनन को गिरफ्तार किया गया है।
ED के मुताबिक, बैंक अफसरों ने नियम तोड़कर 100 से ज्यादा फर्जी लोन अकाउंट खोले और शेल कंपनियों के नाम पर लोन मंजूर किए। करोड़ों रुपये कागज़ी कंपनियों के जरिए निकालकर आपस में बांटे गए। शुरुआती जांच में सामने आया है कि बैंक को 500 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ, जबकि सिर्फ 230 करोड़ रुपये का सीधा फायदा कुलदीप राय शर्मा और उनके करीबियों को मिला।
गिरफ्तारी के बाद तीनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से शर्मा और कलैवनन को 8 दिन की ED कस्टडी में भेजा गया। एजेंसी ने बताया कि कई लोन मंजूर करने के बदले अफसरों को 5% तक कमीशन मिलता था, जो कैश या शेल कंपनियों के अकाउंट्स से लिया जाता था।
इस मामले में ED पहले ही 31 जुलाई और 1 अगस्त को 21 ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। अब फिर से तीन जगहों पर तलाशी ली गई है। एजेंसी का कहना है कि यह अंडमान-निकोबार का अब तक का सबसे बड़ा बैंक फ्रॉड है और जांच जारी है।