वॉशिंगटन, 25 अक्टूबर: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग के साथ होने वाली आगामी शिखर बैठक को लेकर उत्साह व्यक्त किया है, लेकिन साथ ही ताइवान मुद्दे पर सीधे चर्चा का संकेत भी दिया।
ट्रंप ने कहा, “राष्ट्रपति शी के साथ हमारे पास बहुत कुछ बात करने को है। मुझे लगता है कि हमारी बैठक अच्छी होगी। मैं ताइवान के बारे में बात करूंगा। वहां नहीं जाऊंगा, लेकिन इस पर चर्चा जरूर करूंगा।”
ताइवान के लिए सम्मान का इजहार
ट्रंप ने ताइवान के प्रति अपने सम्मान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उनके दिल में ताइवान के लिए गहरा सम्मान है। 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद ट्रंप ने चीन के प्रति कठोर रुख अपनाया है, जिसमें व्यापार युद्ध और दक्षिण चीन सागर के विवाद शामिल हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप का ताइवान का खुला उल्लेख एक रणनीतिक संदेश है। उनके पिछले कार्यकाल में भी अमेरिका ने ताइवान को हथियार बेचे थे, जिससे चीन नाराज था।
बैठक में अन्य संभावित मुद्दे
ट्रंप ने कहा कि वे सम्मानजनक सौदेबाजी चाहते हैं। बैठक में व्यापार घाटा, बौद्धिक संपदा चोरी, हांगकांग और तकनीकी प्रतिस्पर्धा जैसे विषय भी चर्चा में हो सकते हैं। ट्रंप ने कहा, “शी एक मजबूत नेता हैं, लेकिन अमेरिका कभी पीछे नहीं हटेगा।”
अमेरिकी विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने गुमनाम रहते हुए बताया, “यह बैठक द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा दे सकती है, लेकिन ताइवान पर अमेरिका का रुख स्पष्ट है — हम लोकतंत्र का समर्थन करते हैं।”
बैठक की तारीख और स्थान अभी तय नहीं
ट्रंप प्रशासन ने बैठक की तारीख और स्थान की पुष्टि नहीं की है, लेकिन संकेत मिले हैं कि यह नवंबर में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हो सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ताइवान पर तनाव बढ़ा, तो यह वैश्विक सुरक्षा और आर्थिक संतुलन पर असर डाल सकता है। ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने अमेरिका की इस दिशा की सराहना की।
रूस और वैश्विक रणनीति
ट्रंप चाहते हैं कि चीन रूस के मामले में अमेरिका का समर्थन करे, खासकर यूक्रेन युद्ध को देखते हुए। उनका मानना है कि चीन का सहयोग अमेरिका को वैश्विक रणनीति बनाने में मदद कर सकता है।
इस बैठक से न केवल अमेरिका-चीन संबंधों, बल्कि वैश्विक सामरिक और आर्थिक संतुलन पर भी असर पड़ सकता है।