इस्लामाबाद/लाहौर | 18 जुलाई 2025
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गुरुवार को हुई मूसलाधार बारिश और उसके बाद आई बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई है। अब तक 63 लोगों की मौत और करीब 290 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने कई जिलों में आपात स्थिति (इमरजेंसी) लागू कर दी है।
पंजाब डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (PDMA) के अनुसार सबसे अधिक मौतें लाहौर में दर्ज की गई हैं, जहां 15 लोगों की जान गई। फैसलाबाद और ओकारा में 9-9, साहिवाल में 5, जबकि पाकपट्टन में 3 लोगों की मौत हुई है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक मुआवज़ा देने की घोषणा की है।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, 15,000 कर्मी और 800 नावें तैनात
प्रभावित इलाकों में बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य चल रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक अब तक 57 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में 800 से अधिक नावें तैनात की गई हैं, और करीब 15,000 बचावकर्मी हाई अलर्ट पर हैं।
चकवाल में बादल फटने से भारी तबाही
चकवाल जिले में मंगलवार रात बादल फटने के कारण 10 घंटे में करीब 400 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे शहर में अचानक बाढ़ जैसे हालात बन गए। मंडी बहाउद्दीन जिले में एक बच्चा डूब गया, जबकि 11 अन्य लोग घायल हुए। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि बारिश के दौरान एक 10 वर्षीय बच्चा नहाते समय डूब गया, वहीं बिजली के करंट से दो छोटे बच्चे झुलस गए।
राजधानी इस्लामाबाद में भी अलर्ट
मौसम विभाग (PMD) ने 17 जुलाई तक तेज हवाओं और गरज-चमक के साथ भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। राजधानी इस्लामाबाद में कैपिटल डेवलपमेंट अथॉरिटी (CDA) को अलर्ट पर रखा गया है। चेयरमैन मोहम्मद रंधावा ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे सभी नालों, जलमार्गों और हाईवे की सख्त निगरानी करें और नागरिकों को हरसंभव मदद दी जाए।
किन जिलों में ज्यादा खतरा?
नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) के अनुसार लाहौर, चकवाल, अटक, झेलम, खुशाब, सरगोधा, सियालकोट, गुजरांवाला, फैसलाबाद और गुजरात जिलों में अगले 24 घंटे के दौरान भारी बारिश की संभावना बनी हुई है।
मुख्यमंत्री मरियम नवाज की अपील
पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने गुरुवार को X (पूर्व ट्विटर) पर एक बयान में कहा,
“राज्य के कई इलाकों में असामान्य बारिश और बाढ़ के चलते इमरजेंसी लागू की गई है। नागरिकों से अनुरोध है कि वे प्रशासन के साथ सहयोग करें।”
बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्कूल और सरकारी कार्यालय बंद कर दिए गए हैं। राहत शिविरों की स्थापना की जा रही है और पीड़ित परिवारों को भोजन और चिकित्सा सहायता मुहैया कराई जा रही है।