नई दिल्ली, 2 जुलाई 2025 — नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की अदालत में दावा किया है कि यंग इंडियन कंपनी द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) का अधिग्रहण फर्जी लेन-देन के जरिए किया गया।
ईडी की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने बताया कि AJL के पास करीब 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति थी। इसे मात्र 90 करोड़ रुपये के कर्ज के बदले यंग इंडियन ने अपने कब्जे में ले लिया, जबकि असल में कोई वित्तीय लेन-देन नहीं हुआ।
ईडी के मुख्य आरोप:
- यह अधिग्रहण एक साजिश के तहत किया गया।
- यंग इंडियन में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 76% हिस्सेदारी है।
- कांग्रेस ने यह कर्ज बिना ब्याज और बिना किसी गारंटी के सिर्फ 50 लाख रुपये में ट्रांसफर किया।
- AJL के पास कोई नियमित आमदनी नहीं थी और उसका अखबार पहले ही बंद हो चुका था।
ईडी का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने सीधे अधिग्रहण नहीं किया, बल्कि यंग इंडियन के जरिए संपत्तियां हासिल की गईं, जिससे नियमों का उल्लंघन हुआ।
पृष्ठभूमि:
- नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी।
- 2008 में वित्तीय संकट के कारण अखबार का प्रकाशन बंद कर दिया गया।
- 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अदालत में शिकायत दी, जिसके बाद ईडी ने जांच शुरू की।
अब यह मामला अदालत में है, और ईडी के नए दावों से कांग्रेस नेतृत्व पर कानूनी दबाव और बढ़ गया है।